आज देश के हालात पर कुछ यक्ष प्रश्न हैं जिनके जवाब मिलना जरूरी है।1.क्या कोरोनावायरस भारत में हवाई जहाज से आया या पैदल-पैदल चलकर?2.क्या W.H.O.ने इस कोरोनावायरस के खतरे से एलर्ट 30जनवरी को कर दिया था?3.क्या कोरोनावायरस की जानकारी मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय यात्रा रोकी जा सकती थी?4.क्या लाकडाउन से पहले मजदूरों को गरीबों को उनके घरों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई?5.क्या सरकार का लाकडाउन सफल हुआ?6.क्या मजदूरों गरीबों के प्रति सरकार निष्ठावान, और समर्पित है? 7.क्या टी.वी.चैनल्स पर आकर विज्ञापन करने, घोषणा करने से, ज़मीनी अमल हुआ या काम हुआ?..........आदि प्रश्न तो सैंकड़ों हैं
आज करोड़ों मजदूर सड़क पर पैदल चलने को मजबूर हैं , भूखे प्यासे दम तोड़ रहे हैं , दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं, मर कट रहे हैं। लाकडाउन से पहले ये मजदूर कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं थे। संक्रमित तो अमीर थे , विदेशी थे या विदेश से आने वाले थे।तो लाकडाउन से पहले अगर योजना बनाकर मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचा देते तो संक्रमण इतनी तेजी से नहीं फैलता।केवल बाहर से आने वालों पर कार्रवाई करते तो कोरोनावायरस नियंत्रण में आ जाता,अब ये मजदूरों गरीबों तक फैल गया। देश में सिर्फ राजनीति हो रही है, घोषणा हो रही है,ज़मीनी काम नहीं हो रहा है। सरकारें गिराने , सरकारें बनाने , सरकारें बचाने में हमारे राजनेता लगे हैं। मैं किसी पार्टी की वकालत नहीं करता न ही किसी पार्टी से जुड़ा हूं , मैं ज़मीनी हकीकत सामने रख रहा हूं। देश में प्रतिकूल परिस्थितियों में भीषण गर्मी में कोरोनावायरस नियंत्रण में नहीं आ रहा है सोचो अगस्त सितम्बर अक्टूबर में क्या होगा क्योंकि ये महीने कोरोनावायरस के लिए अनुकूल वातावरण होगें। और वायरस तेजी से फैलेगा तब स्थिति कितनी भयावह होगी चिंतन का विषय है। ........."पत्थर फ़र्रूख़ाबादी"