"हम जनता हैं, जमूरे हैं आपके फरमान पर अपने अरमान का गला घोंटकर हम नाचेंगे भी"

अब मेरी उम्र पचपन साल की हो गई उम्र पचपन की, यादें बचपन की " ताजा हो आयी हैं। गांव में मदारी आता था तमाशा देखने दोपहरी में भीड़ इकट्ठी हो जाती थी, मदारी डमरू बजाता, लोगों से कहता था बजाओ ताली सभी ताली बजाते उसका सम्मोहन ऐसा होता था कि जैसा वह कहता लोग पागलपंती में वैसा ही करते थे बीच-बीच में वह चेक करता रहता था कि कोई भी उसके अनुसार कार्य कर भी रहा है कि नहीं , मैंने देखा है वह किसी लड़के को जमीन पर लिटाकर उसे कपड़े से ढक दिया करता था और लोगों से कहता इसे सांप बना दूं और देखते देखते सांप बना देता था इसके बदले लोगों से बड़ी क़ीमत लेता था क्या गरीब क्या मजदूर, क्या मध्यम वर्गीय किसान सभी उसके सम्मोहन में वशीभूत होकर खूब अनाज रुपया देते थे खेल खत्म होने पर वह लड़का जो सांप बना था  लड़का बनकर भीड़ में से  निकल आता इस प्रकार जादूगर गांव को सम्मोहित कर लूट ले जाता था । मित्रवर आप समझ गए होंगे पिछले पांच साल में देश की बैंकों को लूटने वाले विदेश में खुद को स्थापित कर चुके हैं अभी तक कई बैंक एक दूसरे में विलय हो चुकी हैं और कुछ होने वालीं हैं।नोट बंदी से आई मंदी से देश उबर नहीं पाया कि वैश्विक महामारी से घिर गया प्रधानमंत्री जी ने लाकडाउन में देरी कर ट्रंप भइया, और ट्रंपाइन भौजी के स्वागत में करोड़ों रुपए खर्च किए  मध्यप्रदेश में सरकार गिराना और बनाना इन्हीं कार्यों में लगे रहे। कोरोनावायरस भगाने के लिए एक जादूगर की तरह ताली थाली और शंख बजाने की बात कही जनता ने सम्मोहित हो जमूरे की तरह ताली थाली शंख बजाया।अब पांच अप्रैल को जनता फिर आपके आवाहन पर नौ मिनट तक दिया, मोमबत्ती ,मोबाइल,टार्च आदि जलाएगी आप कहेंगे तो हम जमूरे नाचेंगे आप जो भी कहेंगे हम करेंगे हम भारत की जनता हैं हम आपके सम्मोहन में जकड़ चुके हैं और इसी सम्मोहन के चलते हमने कम पढ़े लिखे को चुना।अंध विश्वास पाखंड आडंबर फैला लो पर ऊपर वाले से डरो, ग़रीब मजदूरों की भुखमरी देख लीजिए कहीं ऐसा न हो देर हो जाए"भइया "ये पब्लिक है ये सब जानती है"______________"पत्थर फ़र्रूख़ाबादी"