मित्रवर ये हमारी छोटी सी कहानी आपको लाक डाउन में घर पर टाइम पास करेगी "जबर मारै रोवन न देवै"यह लोकोक्ति है हुआ यह कि हमारे अमरीका वाले पंप भइया आए हमने खातिर दारी मा कौनो कमी नाहिं राखी, पंपाइन भौजी से हाथौ मिलाएं रहे, कसि कसि के दबाए रहे,हम तौ जान रहे कै हमारे भइया भौजी बहुत खुश हुइ गवा,कछू दिना बाद भइया फुनवा पे बोले सुन बे पचपन इंची हमारे देश मा महामारी फैल गई दवाई भिजवा दियौ, हमनै हामी भर लई, लेकिन दवाई कैसे पहुंचे जे ही सोचत रहे थोरे दिना बाद फिर पंपाइन भौजी को फुनवा आय गयो, ऐ वावन इंची सुन अबै लौ बहुत लम्बी लम्बी फेंकत रहे सुना नहीं तोहार भइया का बोले, जल्दी दवाई भिजवावौ कै हम अपना जलवा दिखावैं, हम बोले धीर धरो भौजी अबहीं भिजबावत हैं हमनै दवाई तौ भिजवाय दई पर सोचत रहे के भौजी कौ कैसन मालुम भवा के हम ससुरा दुइ दिना मा पचपन से बावन इंची रह गए-------------"पत्थर फ़र्रूख़ाबादी"
छोटी सी कहानी"जबर मारै रोवन न देवै"