छोटी कहानी सभी सुधीजन आनंद लें "सिर मुड़ाते ओले पड़ गए"

हम फुर्सत में बैठे थे, कहावत है खाली दिमाग शैतान का घर होता है खुराफात सूझी, पड़ोस में रहने वाले किन्तु हमारे विरोधी के परिवार के सदस्यों को प्रलोभन देकर बरगलाकर आपस में लड़वाते हैं खूब जतन किया पैसा भी खर्च किया कुछ सदस्यों की खुशामद भी करनी पड़ी। कहावत है कि काम निकालने के लिए गधे को भी बाप बनाना पड़े तो बना लीजिए हम विरोधी को हर हाल में  बर्बाद करने की फिराक में थे इसलिए साम दाम दण्ड भेद सारी युक्तियां लगा रहे थे, हमारे इस कार्य में हमारे ऊपर चल रहे ढइया शनि की पनौती ने मदद की और सच मानिए उसके परिवार में हम फूट डालने में कामयाब रहे ऐसी कलह हुई कि परिवार के लोग आपस में लड़ मरे जबकि उनकी आपसी सहयोग से खेतों में बहुत अच्छी फसल लहलहा रही  थी अब तो हमारी कूटनीति से उस घर के सदस्य फसल काटने को तैयार नहीं थे परिवार के मुखिया सहित सब पीछे हट गए हमने सोचा कि क्यों न विरोधी की बोई गई लहलहाती फसल को   हम अपने सहयोगियों  को साथ लेकर काट लें। परन्तु ये क्या" हमारे सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गए"" अब क्या करूं आखिर ढइया शनि देव की पनौती हमारे ऊपर चल रही है।------"पत्थर"फ़र्रूख़ाबादी