पुराना फिल्मी गीत आज हमें यूं ही याद आ गया"------
"बुरे काम का बुरा नतीजा,
क्यूं भई चाचा, अरे हां भतीजा।"
रात को लेटे हुए नींद नहीं आ रही थी, एक ही चिंता हमारे कोरोनावायरस भइया को लेकर हमें सताय रही है,कि, इन्हें भारत की रस्ता किसने बताय दई,ये अजर अमर अविनाशी महाशक्ति शाली यहां सेेेेेे जाने का नाम ही नहीं ले रहे। अरे ट्रंपभइया और ट्रंपाइन भौजी मेहमानी करके कब के लौट गए और कोरोना भइया वापस जायवे को नाम नहीं ले रहे हमें तो लग रहो इनको इंडिया में मन लग गओ।एक बात तो पक्की है जहां जहां ,जिस जिस शहर में ट्रंप भइया और ट्रंपाइन भौजी गए उनमें तो कोरोना भइया ने जमकर डांस कियो है। जैसे अहमदाबाद, आगरा और दिल्ली।कोरोना भइया अदृश्य रूप में भूत प्रेत जिन्न जैसेे हैं चाहे जिस पर चढ़ बैठत हैैं,तासों लोग मुंह पे मुसीका लगाए घूमत हैं। अच्छा ये भइया इतने ख़तरनाक हैं कि खुदा अल्लाह ईश्वर और सभी देवता ताला डाल कर दुबक गए। कोई भगाने का मंत्र तंत्र गंगा ताबीज अबै तक नहीं बनो।---------"पत्थर फ़र्रूख़ाबादी"