आज देश को हमारे नेता गण किस ओर ले जा रहे हैं, कोई कहता है भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है ,तो कोई कहता है कि यह हिन्दुस्तान है , कुछ नेता तो काल्पनिक कथाओं पर आधारित धारावाहिक जो टी. वी.चैनल्स पर प्रसारित किए जा रहे हैं, वे इसे आर्यावर्त सिद्ध करने में लगे हैं।इन सबके चलते भारत वर्ष में आज हमारे नेताओं ने सत्ता लोलुपता,सत्ता मद, और स्वार्थ पूर्ति हेतु हिन्दू मुस्लिम एकता खण्डित करने का सतत प्रयास किया है, जिसके परिणामस्वरूप आज देश की जनता गृहयुद्ध, आपसी संघर्ष की दहलीज पर आकर खड़ी है। मेरा भारत वर्ष ,इस आर्यावर्त और हिन्दुस्तान के बीच खूनी संघर्ष में लहूलुहान होकर दम तोड़ता दिख रहा है। हे परमेश्वर! किसी महामानव को शक्ति प्रदान कर भारतवर्ष की रक्षा हेतु तत्पर कीजिए। हमारा देश न तो आर्यावर्त है, न ही हिन्दुस्तान । यह भरत की भूमि है। आइए जानें हमारे देश में कितने भरत हुए हैं -------------
1-भरत मुनि--आदि काल में भरत मुनि महान तपस्वी हुए हैं ये हमेशा तपस्या में लीन रहते थे भूख का आभास होने पर पेड़ की सूखी डाल को खा लेते इनके चारों सौ कदम तक तेज अग्नि का घेरा था कोई स्त्री पुरुष पास नहीं जा सकता था तभी इंद्र ने भयभीत होकर तपस्या भंग करने के लिए स्वर्ग की अप्सराओं को भेजा सभी निराश और निष्फल होकर लौट आईं तब सुनीति नामक अप्सरा ने इंद्र को आश्वस्त किया कि मैं तपस्या भंग करूंगी सबसे पहले अप्सरा ने देखा कि ये खाने में क्या खाते हैं उसने देखा पेड़ की सूखी डाल वह भी बहुत कम मात्रा में उसने चतुराई से हलवे का लेप उस लकड़ी पर लगा दिया फिर देखा मुनि के चारों ओर अग्नि का तेज 99कदम रह गया अप्सरा धीरे धीरे हलवे की मात्रा बढ़ाती गई और एक दिन मुनि की तपस्या भंग करने में सफल हो गई।
2-जड़ भरत--येभी परम तपस्वी हुए जीव जंतुओं पर दया दिखाते पशु पक्षियों के बीच विचरण करते और सभी की सेवा करते थे।
3.नंदि भरत -परम शिव भक्त, महाज्ञानी, वीर ,विद्वान जिन्हें ब्राह्मण साहित्य में बैल कहा गया है बिल्कुल ग़लत परमेश्वर शिव को किसी सवारी की आवश्यकता नहीं है दक्ष यज्ञ विध्वंस में सती की सहायता की शिव के ज्येष्ठ पुत्र (शीर्ष गण) वीरभद्र जी के साथ जाकर विष्णु इंद्र ब्रह्मा आदि तेंतीस कोटि देवी देवता ओं को हराया। भगवान शिव ने दक्षिण भारत में इन्हें प्रशासक बनाया आज का नांदेड़ (नंदीतट)उनकी राजधानी थी।नंदि भरत परम प्रतापी शैव सम्राट हुए हैं।
4.भरत-दशरथ पुत्र भरत आज-कल सभी रामायण सीरियल में इनका चरित्र देख रहे हैं
5.हनुमद् भरत-- अजर अमर गुननिधि विद्या बल में सर्वश्रेष्ठ,अष्ट सिद्धि नौ निधि के स्वामी राम रावण युद्ध में राम की सहायता करने वाले, राम के भक्त, और कलियुग में अधिष्ठाता परमेश्वर श्री हनुमान जी का वास्तविक नाम हनुमद् भरत है इनके पूंछ नहीं थी इनकी पूंछ सब जगह थी न ही वानर मुख था मैंने जिस स्वरूप में देखा है उनकी सुन्दर छवि का वर्णन करना मेरे लिए कठिन है।
6.चक्रवर्ती महाराजा भरत-- --ये शकुन्तला तथा राजा दुष्यंत के पुत्र थे ऐसा माना जाता है कि यही कौरवों पांडवों के पूर्वज हैं।
शास्त्रों में वर्णित पांच भरत की पुष्टि इतिहास में हुई है दशरथनन्दन राम के अनुज भरत के होने का प्रमाण इतिहास में नहीं है कारण रामायण को इतिहासकार काल्पनिक कथा मानते हैं तो इसके पात्र भी काल्पनिक हैं रामानुज भरत को छोड़कर पांचों भरत के शैव (शिवभक्त) होने के प्रमाण मिले हैं।------ "-पत्थरफ़र्रूख़ाबादी"
"आर्यावर्त और हिन्दुस्तान के झगड़े में लहूलुहान भारतवर्ष"