"कोरोनावायरस के संबंध में भ्रामक जानकारी से बचें , दूसरों को बचावें"

कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए सरकार के लाकडाउन का समर्थन करते हुए "सुरसरिता"समाचार पत्रिका के संस्थापक साहित्यकार के.पी.सिंह"पत्थर फ़र्रूख़ाबादी"ने सोशल मीडिया पर अपने लेख और कविताओं के  जरिए लोगों को जागरूक किया उनकी कविताओं की बानगी देखिए______


"जब जब शासन सत्ता के लोगों का, नैतिक पतन होगा।


सच मानिए एक या दो नहीं, क़ैद खाना पूरा वतन होगा।।


अब न मंदिर, न मस्जिद,न स्टेच्यू, हमारे काम आएंगी 


जब भी होगा बीमार मुल्क़ ,तो हमारा ही जतन होगा।।


"चलो माना कि हम, लड़ने को मुस्तैद हो गए।


कोरोना जैसे छोटे से जीवन के, सारे सैद हो गए।।


इटली ,इरान,चीन, हिंद, अमरीका, ब्रिटेन, स्पेन भी, 


डर के सभी ,घरों में आके  क़ैद हो गए।।"


"यह तो सिद्ध हो गया कि,सारी तैयारी हमारी गई भाड़ में ।


कोरोनावायरस सुरक्षित हो गया है, आके भीड़ भाड़ में।।


तो आइए हम सौगंध उठाएं,अपना मानव धर्म निभाएं,


पूरे साल मंदिर मस्जिद न जाएं,धरम की आड़ में। .. क्योंकि


कोरोनावायरस सुरक्षित हो गया है,....................


मंदिर में पहनाया मास्क, पक्का सबूत है इस बात का,


कि तके बैठा है हमें कोरोना, हमले की जुगाड़ में ।


कोरोनावायरस सुरक्षित हो गया है,..................


 उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया पर तंज कहते हुए लिखा है__


एम्बुलेंस अखिलेश लाए, योगी लाए सांड। 


चीख चीख के जुमला छोड़ैं, जैसे चीखैं भांड।। 


जोगीरा सारा र र रा................


समझदार खुद घर में बैठे, श्रेय ले रहे भांड़।


एम्बुलेंस ही काम आ रही,खेत चर रहे सांड़।। 


जोगीरा सर रर रा.......................


"पंडित पुजारी मौलाना पर लिखा है--------_


"कहां गए अब अल्लाह अकबर, कहां छिपे हैं जय श्री राम।


दुबके मौला और पुजारी, सिर्फ डॉक्टर आए काम।। 


बे शुमार दौलत के मालिक, मंदिर मस्जिद के भगवान।


भूखे प्यासों पर करुणा कर"दान"दीजिए दया निधान।।


"चीन ने हमें बीमारियां दीं हैं-------


"क्या क्या दिन दिखलावैंगे ये," चीनी"सुअर महा शैतान।


स्वाइन,बर्ड फ़्लू,प्लेग अब, दिया कोरोना सा हैवान।।


चपटी नाक चिपचिपीं आंखें ,एक ही मातु पिता संतान।


"हंता"वायरस हे! भगवन्ता,लैके आए नहीं निदान।।


यही नहीं भ्रामक खबरों का वैज्ञानिक आधार पर खण्डन अपने लेखों द्वारा व्हाट्सएप मोबाइल नंबर 9893416668पर निष्पक्ष होकर किया जिन्हें कई सुधी पाठकों ने सराहा है