"कट्टर पंथी और शोषक वर्ग घातक है मानवता के लिए"

कश्मीरी पंडितों के साथ कश्मीर के मुस्लिम समाज ने क्यों  क्रूरता की ? विचार योग्य प्रश्न है इसको एक सच्ची कहानी से समझें, हमारे पड़ोस में एक दंदरौआ सरकार श्री हनुमान जी का मंदिर है जहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, एक बी.एस.एफ. के जवान के इकलौते आठ साल के बालक रोहित का अपहरण मंदिर के तत्कालीन महन्त द्वारा कर लिया गया फिरौती की मांग की परन्तु बालक को पहले ही महन्त द्वारा जंगल में ले जाकर बे रहमी से काट डाला गया  जब पकड़ में आ गया तो जेल गया एक देश के रक्षक और क्षत्रिय समाज के जवान के साथ यह सब हुआ जब मैंने अपने मित्र कांस्टेबल श्री शर्माजी( ब्राह्मण) सेपूछा कि फिरौती ले लेता पर मासूम बालक को बेरहमी से क्यों काट डाला तो शर्मा जी ने जो बताया उसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया शर्माजी बोले"राजपूत जी बच्चे का मरना जरूरी था क्योंकि उसने महन्त को किसी महिला के साथ संदिग्ध हालात में देख लिया था , मंदिर में सब कुछ चल रहा था नशा बिकता था महिलाएं आतीं थीं ,कई महिलाओं के अश्लील फोटो महन्त के पास थे, जिनसे ब्लैक मेल कर महन्त पैसा ऐंठने लगा था," ये जानकारी मुझे पहले से ही मालूम थी परन्तु शर्माजी ने पुष्टि की मुहर लगा दी महन्त जिससे महिलाएं सत्यनारायण कथा करातीं शुद्ध देसी घी खिलाती, फल मेवा मिष्ठान खिलातीं, और चरण भी दबातीं थीं,वह छेड़छाड़ या सेक्स,आदि की शिकायत बदनामी के डर से नहीं करतीं , फिर महन्त के गुरु जी की हाईएप्रोच सरकार तक है ब्लैक मेल भी होती रही, एक दिन हमारी गाय जिसे हम दो घंटे के लिए छोड़ते थे गेट खुला होने पर मंदिर में चली गई वहां पर तैनात बाबा, और महन्त ने लाठी डंडों से बहुत पीटा, गाय लौटी तो उसकी आंखों से आंसुओं की धार बह रही थी लोगों ने बताया मंदिर में बहुत पीटा है मैं मंदिर गया तो तथाकथित पुजारी पंडो ब्राह्मणों ने मुझ पर हावी होने की कोशिश की । मैंने श्री हनुमानजी को निवेदन किया प्रभु आपकी मूर्ति रख ये पाप कर रहे हैं  कुछ दिनों बाद ही मंदिर को लंका की तरह प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया, मित्रो ये उदाहरण इसलिए हमारे मूलनिवासी भारतीय क्षत्रियों व पिछड़ा वर्ग के लोगों को जागरूक करना है कि ऐसे ही ब्राह्मण समाज के घृणित कार्य रहे होंगे कश्मीर में इसलिए कट्टर पंथी मुस्लिम समाज के निशाने पर आ गए कश्मीरी पंडित, जबकि अन्य हिन्दू समाज भी रह रहा है कश्मीर में। हमारे कांस्टेबल श्री शर्माजी ने एक बार भी यह नहीं कहा कि जो हुआ महन्त ने ग़लत किया, यह इस बात का द्योतक है कि सरकार, प्रशासनिक अधिकारियों, न्यायालयों में, खुलकर जातिवाद, पक्षपात चल रहा है जो कि मानवता के लिए घातक है कट्टर पंथी, आतंकवाद इसी पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के परिणाम है।